Poem
लोकतंत्र मरने मत देना ------------------- हे रे भाई, हे रे साथी। पुरखों से हासिल आज़ादी। लोकतंत्र की जलती बाती। यह बाती बुझने मत देना। लोकतंत्र मरने मत देना। सिक्कों के…
लोकतंत्र मरने मत देना ------------------- हे रे भाई, हे रे साथी। पुरखों से हासिल आज़ादी। लोकतंत्र की जलती बाती। यह बाती बुझने मत देना। लोकतंत्र मरने मत देना। सिक्कों के…
सेठ का कोठिला देखिए ------------------- तिलमिला तिलमिला देखिए, झूठ का जलजला देखिए। कत्ल को कह रहा है दवा, जुल्म का हौसला देखिए। हुक्म है खास का आम को, यह किला,…
अर्थ व्यवस्था घाटे में है ------------------ याद रहे 5 जून यानि सम्पूर्ण क्रांति दिवस ----------------- राजनीति का पहिया उलझा, भेद भाव के धागे में है। साढ़े सात दशक बीते पर,…
दीवार खड़ी होती है -------------------- जब ममता के रिश्तों में, झनकार खड़ी होती है। सबसे पहले आँगन में, दीवार खड़ी होती है। जब भाई भाई में शक, बन शुभ चिन्तक…
सियासत चल के आती है ------------------ किसी क्षण उग के आती है, किसी क्षण ढल के आती है। किरण ले रोशनी आती है लेकिन जल के आती है। न मालूम…
महताब आएगा ------------------ निकलकर पत्थरों से जब नदी में आब आएगा। नहाने के लिए आकाश से महताब आएगा। घनेरी रात में जब नदी में तारे नहाएंगे, उदासे घाट को भी…
सिर्फ हिन्दुस्तान बसता है ------------------- जहाँ तक यूपी या बिहार का इन्सान बसता है। पता कर लो वहाँ तक मुल्क का निर्मान बसता है। हमें भैया, बिहारी, देशवाली बोलने वालों,…
तुमको ही जग में सबसे अच्छा लिख दूँ -------------------- सोच रहा हूँ गुरु तुम्हें सच्चा लिख दूँ। तुमको ही जग में सबसे अच्छा लिख दूँ। तुमको आशा लिखूँ निराशा…